एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले वृद्धि की राह पर सबसे तेज गति से दौड़ रही है। इसके लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किए गए हैं। सरकार डिजिटलीकरण, शिक्षा और अधिक-से-अधिक बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है।
नई दिल्ली: कोरोना महामारी से उबरने के बाद भी दुनिया कई नई चुनौतियों से जूझ रही है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। 2047 तक विकसित देश बनने के लिए भारत को कई मुद्दों पर ध्यान देना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है लेकिन, इस लक्ष्य को पाने के लिए बहुत सी चीजों को फिर से आकार देना पड़ेगा। इसमें डिजिटलीकरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचा सबसे महत्वपूर्ण साधन हैं। यानी इन्हीं के प्रदर्शन के दम पर हमारा विकासशील से विकसित देश बनने का सपना पूरा हो सकेगा।
एलारा कैपिटल के कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि विभिन्न वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले वृद्धि की राह पर सबसे तेज गति से दौड़ रही है। इसके लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किए गए हैं। अगले 25 वर्षों के सुधारों और विकास के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक भारत स्वतंत्रता की पहली शताब्दी मनाएगा, हमें बहुत सारी चीजों को ठीक करना होगा ताकि हम तब तक एक विकसित देश बन सकें। सरकार डिजिटलीकरण, शिक्षा और अधिक-से-अधिक बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है ताकि देश के अंदरुनी इलाके शहरों से अलग-थलग न रह सकें।
कर आधार बढ़ाने पर उचित ढंग से लेंगे फैसला
सरकार की कर-जीडीपी अनुपात बढ़ाने की योजना के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि कर आधार को बढ़ाना एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए बहुत अधिक परामर्श और विश्लेषण की जरूरत है। लेकिन, हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसा अधिक उचित ढंग से और तकनीक की मदद से किया जाएगा। अभी देश में अभी कर-जीडीपी अनुपात करीब 10 फीसदी है। उन्होंने कहा कि आयकर फाइलिंग की बढ़ती संख्या से कर आधार के मामले में कुछ प्रगति होने की उम्मीद जगी है।
सॉवरेन बॉन्ड : उम्मीद के मुताबिक नहीं रही आमद
भारतीय बॉन्ड को वैश्विक सूचकांक में शामिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि महामारी के बाद से कई चीजें बदल गई हैं। खासकर कोषों की आमद के मामले में ऐसा ही है। ज्यादातर मामलों में फंड की आमद उम्मीद के मुताबिक नहीं रही है। हालांकि, मैं जल्द ही इस पर तार्किक निष्कर्ष की उम्मीद करती हूं। वित्त मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है, जब माना जा रहा था कि सॉवरेन बॉन्ड इस महीने की शुरुआत में जेपी मॉर्गन के सरकारी बॉन्ड सूचकांक (उभरते बाजार) का हिस्सा बन सकते हैं।
- ग्लोबल बॉन्ड सूचकांकों में भारतीय बॉन्ड के शामिल होने पर बाजार की करीबी नजरें हैं क्योंकि इससे सॉवरेन बॉन्ड में अरबों डॉलर के निवेश का रास्ता खुल सकता है।
- भारत में बॉन्ड्स में विदेशी निवेश की सीमा तय है। विदेशी निवेशक कुल जारी किए गए बॉन्ड के एक निश्चित फीसदी तक ही इसमें निवेश कर सकते हैं। लेकिन, सरकार ने विदेशी निवेशकों को एक विशेष श्रेणी के जरिये बॉन्ड में निवेश की इजाजत दी है।
अचानक नहीं वसूला जा रहा अप्रत्याशित लाभ कर
वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों और कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) अचानक नहीं लगाया गया है। उद्योग के साथ नियमित परामर्श करने के बाद ही इसे वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अप्रत्याशित लाभ कर को अचानक लगाया गया कर कहना ठीक नहीं है क्योंकि इसका निर्धारण उद्योग के साथ चर्चा करने के बाद ही किया जाता है। उद्योग को पूरी तरह भरोसे में लेने के बाद ही इस विचार को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि जब हमने इस बारे में सुझाव दिया तो हमने उद्योग जगत से कहा था कि हर 15 दिनों में इस कर दर की समीक्षा की जाएगी और हम ऐसा कर रहे हैं।
Edited By – Deshhit News