नैनीताल: चारधाम यात्रा की सफलता के बाद, उत्तराखंड सरकार अब कुमाऊं क्षेत्र में तीर्थयात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए “मानसखंड मंदिर माला मिशन” नामक एक नई पहल शुरू कर रही है। इस मिशन के तहत, पहले चरण में 16 महत्वपूर्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों का सुंदरीकरण और विकास किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- मिशन का उद्देश्य: कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों को तीर्थयात्रा और पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना।
- चरण 1: 16 मंदिरों का सुंदरीकरण और विकास।
- बजट: ₹30.12 करोड़ (पहली किस्त)।
- कार्य: पार्किंग, प्रकाश व्यवस्था, सौंदर्यीकरण, आस्था पथ, पहुंच मार्गों का सुदृढ़ीकरण।
- विशेष परियोजनाएं:
- कौंचीधाम में मल्टीलेवल पार्किंग और हेलीपैड का निर्माण (यदि भूमि उपलब्ध होती है)।
- नैना देवी मंदिर में वन-वे व्यवस्था और निकास द्वार।
- लाभ:
- तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं।
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती।
सुंदरीकरण के लिए चुने गए मंदिर:
- जागेश्वर धाम, अल्मोड़ा (₹11 करोड़)
- बैजनाथ, बागेश्वर (₹1.87 करोड़)
- नैना देवी, नैनीताल (₹11 करोड़)
- कैंची धाम, नैनीताल (₹28.15 करोड़)
- रसातल रुद्रेश्वर, चंपावत (₹2.31 करोड़)
- पाताल भुवनेश्वर, पिथौरागढ़ (₹2.43 करोड़)
- हाटकालिका मंदिर, पिथौरागढ़ (₹6.58 करोड़)
- मां बाराही देवी, चंपावत (₹12.54 करोड़)
- नंदा देवी मंदिर, अल्मोड़ा (₹4 करोड़)
आगे की योजना:
- शेष 7 मंदिरों का सुंदरीकरण।
- मिशन का विस्तार अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों तक।
निष्कर्ष:
मानसखंड मंदिर माला मिशन उत्तराखंड के तीर्थयात्रा और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह मिशन न केवल श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
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