देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल दिवस के मौके पर राज्य के शहीदों के परिजनों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने शहीदों के परिजनों को मिलने वाली अनुदान राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का ऐलान किया है।
यह फैसला राज्य के शहीदों के परिवारों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत होने में मदद मिलेगी और वे अपने जीवन को बेहतर तरीके से चला पाएंगे।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- नौकरी के लिए अतिरिक्त समय: शहीदों के परिजन अब सरकारी नौकरी के लिए दो वर्ष की बजाय पांच वर्ष तक आवेदन कर सकते हैं।
- अधिक विभागों में रिक्तियां: पहले शहीदों के आश्रितों को केवल जिलाधिकारी कार्यालय में समूह “ग” और “घ” के पद रिक्त होने पर ही नियुक्ति मिलती थी। अब अन्य विभागों में भी उक्त समूह के पदों पर रिक्तियां दी जाएंगी।
- सैनिक कल्याण विभाग के कर्मचारियों के लिए अवकाश: सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को उपनल कर्मचारियों के समतुल्य अवकाश दिया जाएगा।
कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री धामी ने कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत की सेना विश्व की सबसे सशक्त सेनाओं में से एक है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सशक्त स्थिति पर भी प्रकाश डाला।
विपक्ष पर निशाना
मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग भारत को कमजोर करना चाहते हैं और चुनाव में प्रधानमंत्री को रोकने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि अब पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
यह फैसला कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
- शहीदों के परिवारों के प्रति सम्मान: यह फैसला शहीदों के परिवारों के प्रति सरकार के सम्मान को दर्शाता है।
- आर्थिक सुरक्षा: यह फैसला शहीदों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
- नौकरी के अवसर: शहीदों के परिजनों को अब नौकरी पाने के अधिक अवसर मिलेंगे।
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार का यह फैसला राज्य के शहीदों के परिवारों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। यह फैसला शहीदों के परिवारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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