उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के कपाट सर्दियों के लिए बंद कर दिए गए हैं।

15 Nov, 2023
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देहादून/ रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में बर्फीली हवाओं के बीच आज भैयादूज के दिन बाबा केदार के कपाट (Kedarnath Dham Doors Closed) शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली ने हर हर महादेव के जयकारों और भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय स्वरलहरियों के बीच अपनी शीतकाल प्रवास ऊखीमठ के लिए प्रस्थान किया। पंचमुखी डोली 17 नवंबर को ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी जहां अगले छह तक शीतकाल में भोलेनाथ के दर्शन होंगे।

आज ब्रह्ममुहुर्त में श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले गये। मंदिर में नित्य नियम पूजा-अर्चना तथा दर्शन करने के बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू की गई। स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी ने शिवलिंग का स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा, राख से समाधि रूप दिया गया।

साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भगृह में समाधि पूजा समाप्त हुई

साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भगृह में समाधि पूजा समाप्त हुई और उसके बाद मंदिर के अंदर सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया। इसके बाद साढ़े आठ बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार और फिर पूरब द्वार को भी बंद किया गया। इस दौरान श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय, प्रशासनिक अधिकारी, सीईओ योगेंद्र सिंह, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे।

ढाई हजार भक्‍त बने साक्षी

आज कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ अवसर पर प्रात: साढ़े आठ बजे विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए। केदारघाटी की ऊंची चोटियों पर बर्फ की चादर बिछी हुई है। वहीं धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद भक्त कड़ाके की ठंड में सुबह-सवेरे से ही मंदिर परिसर में एकत्र होने लगे थे। बाबा केदार के कपाट बंद होने के अवसर पर मौसम साफ रहा और हजारों भक्तों ने पंचमुखी डोली के दर्शन किये।

मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था

कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था। कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा मौजूद थे

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय मंगलवार को कपाट बंद की तैयारियों हेतु श्री केदारनाथ पहुंच गये थे। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा की धर्मपत्नी रिनिकी भुयान शर्मा और परिजन भी कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद रहे।

इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो रहा है। इस यात्रावर्ष साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी संस्थानों को भी बधाई दी।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि से मंगलवार 14 नवंबर रात्रि तक 1957850 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये। इस अवसर पर भारतीय सेना, आईटीबीपी तथा दानीदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किये थे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद आज श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 16 नवंबर को पंचमुखी डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवंबर शुक्रवार को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी मूर्ति शीतकालीन पूजा स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। बाबा के यहां विराजने के बाद श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी।

बता दें कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद हो रहे हैं। श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर मंगलवार बंद किये गये जबकि श्री यमुनोत्री धाम के कपाअ आज दोपहर में शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं।

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