देहरादून: उत्तराखंड ने खनन क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है, जहां अप्रैल से नवंबर 2024 तक राजस्व बढ़कर 650 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 324.81 करोड़ रुपये की तुलना में 100 प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान खनन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
पिछले तीन वर्षों में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने पारदर्शिता के साथ काम करते हुए कई नीतिगत सुधार किए हैं। इनमें ई-टेंडरिंग प्रक्रिया, ई-रवन्ना पोर्टल अपग्रेडेशन और अवैध खनन को रोकने के लिए प्रभावी प्रवर्तन शामिल हैं। इन प्रयासों ने राज्य के खनन राजस्व को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
राज्य सरकार ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करके खनन क्षेत्र को पारदर्शी और मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए हैं। “माइनिंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड सर्विलांस सिस्टम” के तहत 45 माइन चेक गेट लगाए जा रहे हैं। आईटीआई लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं और योजना तेजी से आगे बढ़ रही है।
प्रदेश के चार प्रमुख जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर एवं नैनीताल में ई-टेंडरिंग के माध्यम से खनिज लाट आवंटित किए गए हैं। ये कदम राजस्व बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुए हैं। खनन राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने नीतिगत सुधारों के साथ-साथ सरलीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया है।
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