देश में जल का तांडव,दिल्ली से हिमाचल तक भारी बारिश,बाढ़ की ये खौफनाक तस्वीरें चिंता में डाल देंगी !

10 Jul, 2023
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नई दिल्ली : भारी बारिश से लगभग पूरे उत्तर भारत में तबाही मची हुई है. कई राज्यों में बारिश से घरों को नुकसान पहुंचा है, जिससे अब तक 22 से ज्लोयादा लोगों की मौत हो गई है। 

मौसम विभाग  ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसूनी हवाओं के साथ मिलने से भारी बारिश हुई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि जुलाई के पहले कुछ दिनों में उत्तर पश्चिम भारत में हुई बारिश ने पूरे देश में बारिश की कमी को पूरा कर दिया है.

मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून देश के अधिकतर हिस्सों में काफी ज्यादा सक्रिय हो गया है. साथ ही राजस्थान के पास एक्यूप्रेशर का एरिया बना है, जिसकी वजह से अरब सागर से जो नमी है, वह उत्तर पश्चिमी भारत में पहुंच रही है. उत्तरी पश्चिमी भारत के इलाकों में एक इंटरेक्शन Zone बना है. मॉनसून और Westerly Trough की वजह से वहां सबसे ज्यादा आज बारिश हो रही है. पंजाब में सबसे ज्यादा 35 सेंटीमीटर की बारिश रिकॉर्ड की गई है जबकि हिमाचल प्रदेश में 23 सेंटीमीटर, उत्तराखंड में 16 सेंटीमीटर और हरियाणा में 24 सेंटीमीटर.

हिमाचल में ब्यास नदी का रौद्र रुप देखने को मिल रहा है. तो उत्तराखंड में कई रास्तों को बंद कर दिया गया है. वहीं राजधानी दिल्ली में भारी बारिश की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आइए तस्वीरों के जरिए देखते हैं बारिश से मची तबाही का मंजर.

चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे का एक हिस्सा पानी में बह गया.

भारी बारिश की वजह से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे का एक हिस्सा पानी में बह गया. जिस वजह से इस रास्ते पर आवाजाही को रोक दिया गया है.

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लैंडस्लाइड की वजह से भारी तबाही मची है. लैंडस्लाइड की वजह से कई मकान गिर गए, जबकि कई गाड़ियों के ऊपर पेड़ गिर गए हैं.

मूसलाधार बारिश की वजह से 9 जुलाई की शाम को दिल्ली के रोहिणी में सड़क धंस गई. लगभग 15 मीटर तक सड़क धंसने की वजह से यातायात अचानक से रुक गया. हालांकि, इसकी वजह से किसी तरह से जान-माल का नुकसान नहीं हुआ.

बारिश की वजह से दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज की एक दीवार गिर गई. इसकी चपेट में आने से वहां खड़ी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं. 

गुरुग्राम में भारी बारिश और जल-जमाव के कारण एक कैब का आधा हिस्सा सड़क के बीचों-बीच डूब गया. स्थानीय लोगों ने इसमें मौजूद लोगों को किसी तरह से बाहर निकाला. लोगों ने कैब की छत पर बैठकर अपनी जान बचाई.

गुरुग्राम में एक कार जल-जमाव के कारण सड़क के बीचों-बीच फंस गई. जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने धक्का देकर इस गाड़ी को बाहर निकाला.

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भारी बारिश और जलभराव के बाद प्रगति मैदान टनल को बंद कर दिया गया है. पुलिस ने लोगों को रिंग रोड से ITO या फिर भैरो मार्ग होकर इंडिया गेट और नई दिल्ली आने की सलाह दी है.

बताते चलें कि राजधानी दिल्ली में 41 साल बाद इतनी बारिश हुई है. IMD द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, रविवार, 9 जुलाई की सुबह 8 बजे तक दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 153 मिमी बारिश हुई. जो साल 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे ज्यादा है. इससे पहले 25 जुलाई 1982 को 169.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी. बारिश की वजह से उत्तर भारत में कुल 22 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है. 

मैदानी इलाकों में बीते दो दिन से मॉनसून की बारिश से मुश्किलें बढ़ीं
सामान्य जनजीवन ठप होने के कारण दिल्ली और इसके आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) शहरों गुरुग्राम और नोएडा में स्कूल सोमवार यानि आज तक को बंद रहेंगे. गाजियाबाद में बारिश के कारण दो दिन और उसके बाद ‘कांवड़ यात्रा’ के कारण 17 जुलाई तक स्कूल बंद रहेंगे. भारी बारिश से रेलवे सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. उत्तर रेलवे ने कहा कि लगभग 17 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं और लगभग 12 अन्य का मार्ग बदला गया है. जलभराव के कारण चार स्थानों पर यातायात रोक दिया गया है. हिमाचल प्रदेश में 10 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश के पूर्वानुमान को लेकर ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है. राज्य में भूस्खलन की तीन अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई. हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य से संबद्ध सभी सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों को दो दिनों (10 और 11 जुलाई) के लिए बंद कर दिया है.

शिमला जिले के कोटगढ़ इलाके में भूस्खलन के चलते एक मकान के ढहने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई, जबकि कुल्लू और चंबा जिलों से एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना है. हिमाचल प्रदेश आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, पिछले 36 घंटों में चौदह बड़े भूस्खलन और अचानक बाढ़ की 13 घटनाओं की सूचना मिली है, जबकि 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं. इस बीच, उत्तराखंड में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुलर के पास भूस्खलन के चलते एक जीप के नदी में गिरने से तीन तीर्थयात्री गंगा में डूब गए. राज्य आपदा मोचन बल और पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि जीप में 11 लोग सवार थे. उन्होंने बताया कि पांच लोगों को बचा लिया गया है, जबकि तीन अन्य की तलाश जारी है और बचावकर्मियों ने तीन शव बरामद कर लिए हैं.

जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों के साथ-साथ लद्दाख से भी हिमपात की खबरें हैं, जहां भारी बारिश को लेकर ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है. नदियों में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने के साथ जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा जिलों के साथ ही निचले जलग्रहण क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है. हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति के चंद्रताल में लगभग 200 लोग फंस गए और ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग का एक हिस्सा बह गया. अचानक बाढ़ से भूस्खलन और भू-धंसाव के कारण उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों तक सड़क मार्ग से पहुंचना मुश्किल हो गया है. मनाली में दुकानें बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में नालों में उफान से वाहनों के बह जाने की भी सूचना मिली हैं.

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कई हिस्सों में रविवार को लगातार तीसरे दिन भी भारी बारिश और बेमौसम बर्फबारी होने के कारण दो सैनिकों समेत पांच लोगों की मौत हो गयी. जलाशयों के जलस्तर में वृद्धि के कारण, मौसम विभाग ने जम्मू क्षेत्र और लद्दाख के कुछ हिस्सों के लिए सोमवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि जम्मू क्षेत्र के कई निचले इलाकों के लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जम्मू कश्मीर के पुंछ में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में बहे दो सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

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