कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार शक्ति सिंह गोहिल सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे, अहमद पटेल के लिए संकटमोचक साबित हुए थे। दरअसल, शक्ति सिंह गोहिल ने अहमद पटेल को राज्यसभा चुनाव में जीत दिलाने के लिए ऐसी चाल चली थी कि बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह भी देखते रह गए थे।
नई दिल्ली: आज यानि 8 दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे हिमाचल प्रदेश के साथ आने वाले हैं। गुजरात में विधानसभा चुनाव दो चरणों में हुआ था। पहले चरण का चुनाव 1 दिसंबर तो दूसरे चरण का चुनाव 5 दिसंबर को हुए थे। गुजरात में मुख्यमंत्री के तौर पर बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने किन चेहरों को मैदान में उतारा था ? जानते हैं…..
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बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कौन हैं?
गुजरात में भाजपा ने चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात में सीएम के चेहरे पर मुहर लगा दी थी। अमित शाह ने सीएम के चेहरे पर मुहर लगााते हुए कहा था कि यदि गुजरात में बीजेपी बहुमत हासिल करती है। तब भी भूपेंद्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
2017 में भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी
2017 में भाजपा आलाकमान ने सबको चौंकाते हुए गुजरात का ताज एक नए चेहरे भूपेंद्र पटेल के सिर पर रख दिया था। सरल स्वभाव और मिलनसार भूपेंद्र पटेल को प्रदेश की राजनीति में अजातशत्रु के रूप में देखा जाता था। नए सीएम को लेकर दो दिन तक चली चर्चा में उनका दूर तक कहीं नाम नहीं था। 2017 में राजभवन में उन्होंने गुजरात के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
राजनीती में आने से पहले भूपेंद्र सिविल इंजीनियर थे
भूपेंद्र पटेल 2017 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। भूपेंद्र पटेल की छवि एक कुशल प्रशासक की है। राजनीती में आने से पहले उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था। राजनीति में उन्हें अजातशत्रु माना जाता है। वह व्यवसाय से बिल्डर थें तथा राज्य की कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े थें। उन्होंने 2017 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा तथा गुजरात में सबसे अधिक एक लाख 17 हजार मतों से विजेता हुए। यह चुनाव उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आंनदीबेन पटेल की परंपरागत सीट घाटलोडिया से लड़ा, जो पाटीदार बाहुल्य सीट है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर में आती है। इससे पहले वर्ष 1999 में मेमनगर नगर पालिका के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद थलतेज से पार्षद चुनकर 1995 में महानगर पालिका की स्थायी समिति, स्कूल बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। 2015 में उन्हें अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण का चेयरमैन बनाया गया। अध्यात्म, सामाजिक कार्यों में व्यस्त रहने वाले भूपेंद्र भाई विधायक दल की बैठक में शामिल होने से पहले घाटलोडिया में पौधारोपरण करके सीधे कमलम पहुंचे थे। उन्हें क्रिकेट व बैडमिंटन खेल प्रिय हैं।
आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार के तौर पर इसुदान गढ़वी को मैदान में उतारा था। इसुदान गढ़वी राजनीति में आने से पहले पत्रकार थे। वह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गढ़वी गुजरात के लोकप्रिय टीवी एंकर थे। उनका शो टीवी पर रात में 8 से 9 बजे आता था। इसुदान गढ़वी की उम्र करीब 40 साल है। वह गुजरात के द्वारका जिले के पिपलिया गांव के रहने वाले हैं।
2021 में टीवी पत्रकारिता की नौकरी छोड़ आप का दामन थामा
बताया जाता है कि इसुदान गढ़वी जब पत्रकारिता में थे। तब उन्हें बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से ऑफर मिले। गुजरात आप के अध्यक्ष गोपाल इटालिया और आप के तत्कालीन गुजरात प्रभारी गुलाब सिंह यादव ने गढ़वी से मुलाकात की थी। जब बात आगे बढ़ी तो मामले की जानकारी केजरीवाल को दी गई। जब आम आदमी पार्टी से उनकी बात पक्की हो गई तो उन्होंने एक जुलाई 2021 को टीवी पत्रकारिता की नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने 14 जुलाई 2021 को आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। इस तरह से आम आदमी पार्टी गुजरात के लोकप्रिय टीवी पत्रकार को राजनीति में लेकर आयी। पत्रकार होने के नाते उनके कई पार्टियों के नेताओं से भी अच्छे संबंध हैं लेकिन उन्होंने राजनीति की शुरुआत आम आदमी पार्टी से की।
कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार
कांग्रेस ने गुजरात में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर शक्ति सिंह गोहिल को मैदान में उतारा था। शक्ति सिंह गोहिल गुजरात में कांग्रेस के प्रमुख नेता है। वो सौराष्ट्र क्षेत्र के लिम्डा राज्य के शाही परिवार के बड़े बेटे हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के प्रदर्शन को बेहतर करने में उनकी बड़ी भूमिका निभाए जाने की बात सामने आ रही थी। बता दें कि साल 2014 में कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल को कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया था। इसके बाद साल 2018 में उन्हें बिहार का प्रभारी बनाया गया था फिर, साल 2020 में सोनिया गांधी ने उन्हें दिल्ली के लिए पार्टी मामलों का अंतरिम प्रभारी नियुक्त कर दिया।
लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हैं शक्ति सिंह
शक्ति सिंह का जन्म 4 अप्रैल, 1960 को भावनगर जिले में लिम्डा में हुआ था। शक्ति सिंह ने बीएससी, एलएलएम, कंप्यूटर में डिप्लोमा और पत्रकारिता में डिप्लोमा लिया हुआ है। गुजरात सरकार में दो बार मंत्री रह चुके शक्ति सिंह गोहिल गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष भी रहे हैं। गुजरात के एक प्रतिष्ठित राजघराने से ताल्लुक रखने वाले शक्ति सिंह गोहित को राजनीति विरासत में मिली है। गोहिल 1986 में भावनगर जिला युवा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और 1989 में गुजरात राज्य युवा कांग्रेस के महासचिव पद के लिए निर्वाचित हुए। इसके बाद गोहिल स्थानीय निकाय चुनाव में चुनाव लड़े और भावनगर जिला जिला पंचायत के उपाध्यक्ष बने। शक्ति सिंह गोहिल 1990 में एआईसीसी के सदस्य बने और यहीं से उन्होंने मुख्यधारा की राजनीति की शुरुआत की। उन्होंने 1990 में भावनगर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
बताते चलें कि शक्ति सिंह गोहिल सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे, अहमद पटेल के लिए संकटमोचक साबित हुए थे। दरअसल, शक्ति सिंह गोहिल ने अहमद पटेल को राज्यसभा चुनाव में जीत दिलाने के लिए ऐसी चाल चली थी कि बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह भी देखते रह गए थे। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि शक्ति सिंह गोहिल कांग्रेस के सीएम पद का चेहरा हैं।
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