जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोटा द्वारा “Restoring the youth: Pan-India Campaign 2024” के तहत कार्यशाला का आयोजन

20 Jul, 2024
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Kota News – दिनांक 19.07.2024 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोटा के तत्वावधान में श्री सत्यनारायण व्यास, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला एवं सेशन न्यायाधीश कोटा के निर्देशन में जिला न्यायालय परिसर स्थित कॉन्फ्रेन्स हॉल में “Restoring the youth: Pan-India Campaign 2024” के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य बिंदु:

  • नाबालिग अपराध: कार्यशाला में नाबालिगों द्वारा अपराध किए जाने पर, उनके अधिकारों और कानूनी प्रावधानों पर चर्चा की गई।
  • विधिक सहायता: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नाबालिगों को प्रदान की जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी दी गई।
  • किशोर न्याय अधिनियम: 24 घंटे के अंदर नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करने और किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई।
  • पोस्टर विमोचन: कार्यक्रम के दौरान, नाबालिगों के अधिकारों और उनके लिए दावा करने की प्रक्रिया से संबंधित पोस्टर का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:

  • श्री सत्यनारायण व्यास, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला एवं सेशन न्यायाधीश कोटा
  • श्रीमती रेखा चौधरी, एसीडी कोर्ट
  • श्रीमती गीता चौधरी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोटा
  • श्री दूडाराम, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट
  • श्रीमती नियति शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
  • श्री महावीर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
  • डॉ. लालचंद वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, चिकित्सा विभाग
  • डॉ. दीपक शर्मा, प्रोफेसर, चिकित्सा विभाग
  • श्री मो. आरिफ, उपकारापाल, केन्द्रीय कारागृह कोटा
  • श्री इकबाल हुसैन, चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल
  • अन्य सहायक लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल
  • कोटा मुख्यालय के पैरा लीगल वॉलेन्टियर्स

कार्यक्रम का महत्व:

यह कार्यशाला नाबालिग अपराधों और उनके निवारण के लिए जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह नाबालिगों को उनके अधिकारों और कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जिससे उन्हें न्याय तक पहुंच प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

अभियान का उद्देश्य:

“Restoring the youth: Pan-India Campaign 2024” का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा जेल में न रहे और उसके सभी कानूनी मामलों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत कानूनी प्रावधानों के अनुसार निपटाया जाए।

Reporter Jaspreet Singh

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