उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. वही उनके साथ 52 मंत्रियों ने भी शपथ ली जिनमें 2 उप-मुख्यमंत्री, 16 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री जिनको स्वतंत्र प्रभार मिला और 20 राज्य मंत्री शामिल हैं. कैबिनेट मंत्रियों में से सबसे ज्यादा चर्चित चेहरा दानिश आजाद अंसारी योगी सरकार में बनें एकलौते मुस्लिम मंत्री
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. उनके साथ 52 मंत्रियों ने शपथ ली जिनमें 2 उप-मुख्यमंत्री, 16 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री जिनको स्वतंत्र प्रभार मिला और 20 राज्य मंत्री शामिल हैं. वही इन कैबिनेट मंत्रियों में से सबसे ज्यादा चर्चित चेहरा योगी सरकार में मंत्री बने दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि मुझे इतना बड़ा अवसर दिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि योगी की पिछली सरकार की हर योजना का लाभ मुसलमानों को मिला है. हर योजना में मुस्लिम की भागीदारी है. मैं मुसलमानों को एक साथ लाने का प्रयास करूंगा.
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यूपी की 2.O सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री के तौर पर शामिल किए गए दानिश अंसारी का कहना है कि उन्हें मंत्री बनाना अप्रत्याशित नहीं था, बल्कि एक समर्पित कार्यकर्ता के प्रति पार्टी के भरोसे का प्रतीक है. दरअसल बीते दिन पहले ही दानिश ने प्रदेश के राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की. जिसके बाद उन्होंने कहा, ‘‘योगी सरकार में मंत्रीपद पर मेरी नियुक्ति सपा और कांग्रेस के मुंह पर जोरदार तमाचा है.
दानिश ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि मैं अपने जैसे साधारण पार्टी कार्यकर्ता को इतना बड़ा अवसर देने के लिए पार्टी का धन्यवाद करता हूं और मैं इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी धन्यवाद करता हूं. मैं अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करूंगा.
दानिश की शुरूआती शिक्षा
दानिश ने अपनी शुरूआती कहानी बताते हुए कहा कि हमारे दादा मोहम्मद ताहा अंसारी सुखपुरा गांव के जूनियर हाई स्कूल में शिक्षक थे और उनकी आसपास के गांवों में काफ़ी प्रतिष्ठा थी. दादा का असर मुझपर पड़ा है और मुझे शुरुआती पहचान दादाजी के नाम से मिली है. और उनके पिता का नाम समीउल्लाह अंसारी है और वो भी बलिया में ही रहते हैं. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव अपायल के प्राइमरी स्कूल से ही हासिल की थी.
दानिश ने भी अपनी शुरूआती शिक्षा बलिया से पूरी की और उसके बाद दानिश अंसारी ने साल 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया. यहीं से उन्होंने मॉस्टर ऑफ़ क्वालिटी मैनेजमेंट और मॉस्टर ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की.
दानिश का राजनीतिक सफ़र
दानिश अंसारी 2011 में छात्र संगठन एबीवीपी के साथ जुड़ गए थे. दानिश के बारे में लोग बताते हैं कि यहीं से वो राजनीति में सक्रिय हुए और उनके नाम के साथ ‘आज़ाद’ जुड़ गया क्योंकि वो अपने विचार पूरी आज़ादी से व्यक्त करते हैं. पिंटू ख़ान बताते हैं, एबीवीपी से जुड़ने के बाद दानिश ने अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी. वो खुलकर बोलते थे और लोगों को प्रभावित करते थे. यहीं से उनके नाम के साथ आज़ाद भी जुड़ गया.
दानिश ने मुसलमान युवाओं के बीच हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों का प्रसार एबीवीपी छात्र इकाई से जुड़ने के बाद शुरू कर दिया था. उन्होंने मुसलमान युवाओं के बीच संघ की विचारधारा को फैलाने के लिए काम किया और इसी से उनकी पहचान बनती चली गई.
इसके बाद जब 2017 में योगी सरकार बनी तो दानिश अंसारी को भाषा समिति का सदस्य बनाया गया था. पिछले साल ही बीजेपी ने जिम्मेदारी देते हुए भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चे का प्रदेश महामंत्री बना दिया. वह लगातार अल्पसंख्यक समाज के बीच सक्रिय बने हुए थे, जिसका पुरस्कार उन्हें योगी सरकार का मंत्री बनाकर दिया गया है. वह यूपी सरकार में फखरुद्दीन अली मेमोरियल समिति के सदस्य भी रह चुके हैं.